गुफा का रहस्य और किटी की सबसे बड़ी गलती
एक प्यारा सा बिल्ली किटी, अपने छोटे से गांव में बहुत खुश रहता था। उसका दिन खेल-कूद और बगीचे में तितलियों का पीछा करते हुए बीतता। लेकिन एक दिन, उसे जंगल के किनारे एक रहस्यमयी गुफा दिखाई दी।
गुफा के मुंह से ठंडी हवा आ रही थी और अंदर से अजीब सी आवाजें सुनाई दे रही थीं। किटी का मन पहले डरा, पर फिर उसकी जिज्ञासा बढ़ गई। "शायद अंदर कोई खजाना हो!" उसने सोचा और गुफा के अंदर घुसने का फैसला किया।
गुफा के अंदर अंधेरा था, लेकिन किटी की चमचमाती आंखें रास्ता देख पा रही थीं। अचानक, दीवारों पर अजीब-सी परछाइयाँ नाचने लगीं। किटी डर कर पलटा, पर गुफा का दरवाजा बंद हो चुका था। अब वो फंसा हुआ था।
किटी ने बहादुरी से रास्ता ढूंढने की कोशिश की। तभी उसे एक अजीब सा चमचमाता बक्सा दिखा। उसने जैसे ही बक्सा खोला, एक डरावनी आवाज गूंज उठी, "तुमने मुझे क्यों जगाया?"
किटी समझ गया कि उसने गड़बड़ी कर दी है। बक्से के अंदर एक अदृश्य राक्षस बंद था। राक्षस ने किटी को घूरते हुए कहा, "अगर यहां से निकलना है, तो मेरी एक पहेली सुलझानी होगी।"
राक्षस की पहेली हल करने में किटी ने अपनी समझदारी और साहस का इस्तेमाल किया। उसने सही जवाब दिया, लेकिन राक्षस ने फिर भी उसे डराने की कोशिश की। तभी गुफा की दीवारों पर लगे पत्थर गिरने लगे। किटी ने दौड़ लगाई और गुफा से बाहर निकलने में कामयाब रहा।
गुफा के बाहर आकर उसने चैन की सांस ली। उसने पीछे मुड़कर देखा तो गुफा गायब हो चुकी थी। किटी समझ गया कि उसकी जिज्ञासा ने उसे खतरे में डाल दिया था। उसने ठान लिया कि अब से कभी भी ऐसी गुफाओं के करीब नहीं जाएगा।
और इस तरह, किटी ने अपनी सबसे बड़ी गलती से सबक सीखा।
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