नन्ही परी और जादुई झील

बहुत समय पहले, एक सुंदर हरे-भरे जंगल के बीचों-बीच एक जादुई झील थी। इस झील की खास बात यह थी कि इसकी चमकती हुई पानी की सतह पर हर रात रंग-बिरंगे तारे झिलमिलाते थे। लेकिन इस झील का असली जादू एक छोटी-सी नन्ही परी में छिपा था, जो वहां रहती थी।

नन्ही परी का नाम "चमकी" था। उसके छोटे-छोटे पंख, मोती जैसे सफेद थे और उसकी आंखों में आसमान की तरह नीला चमकता रंग था। वह हमेशा मदद करने और खुशियां बांटने के लिए जानी जाती थी। एक दिन, जंगल के सारे जानवर उसके पास पहुंचे और बोले, "चमकी, जादुई झील की चमक धुंधली हो रही है। हमें डर है कि कहीं इसका जादू खत्म न हो जाए।"

चमकी ने सबको हिम्मत दिलाई और कहा, "चिंता मत करो, इस झील की ताकत इसकी शुद्धता में है। जब तक हम इसे साफ और प्यार से भरपूर रखेंगे, इसका जादू हमेशा बना रहेगा।" उसने जानवरों को झील की सफाई और उसमें सुंदर फूल डालने में मदद की।

उस दिन से जादुई झील पहले से भी ज्यादा चमकने लगी, और हर रात वहां एक नयी कहानी गूंजती। चमकी ने सबको सिखाया कि प्यार और मेहनत से कोई भी जादू जिंदा रखा जा सकता है।

यह कहानी हमें सिखाती है कि हमें अपने आस-पास की सुंदरता को बनाए रखने की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए और हमेशा दूसरों की मदद के लिए तैयार रहना चाहिए।

क्या आप भी इस नन्ही परी और उसकी जादुई झील की कहानी को और जानना चाहेंगे? चलिए, अगली बार फिर मिलते हैं नई कहानियों के साथ!


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